भारतीय इंजीनियरो ने किया कमाल अब प्रिंटर से भी बनेंगे ROCKET ENGINE
भारतीय स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने एक ऐसा ROCKET ENGINE त्यार किया है जो पूरी तरह से 3D PRINTER की मद्दत से त्यार हुई है। यह राकेट इंजन 100KG तक के लोड को 700KM तक अंतरिक्ष में ले जा सकेगा।
आपको पता ही होगा की ROCKET ENGINE बनाना कितना मुश्किल काम है ,इसको बनाने की टेक्नोलॉजी इतना मुश्किल है की कुछ गिने चुने देश ही इसे बना पाए है। लेकिन भारतीय इंजीनियरो ने तो कमाल ही कर दिया है। भारतीय इंजीनियरो ने एक ऐसा तारिका निजात किया है जिसकी मद्दत से अब 3D प्रिंटर की मद्दत से ROCKET ENGINE बनेंगे। वो भी उसके सारे कॉम्पोनेन्ट एक ही साथ एक ही साच्चे में त्यार होगा।यानि की इसे असेंबल करने की जरूरत नहीं है।
जैसे की आपको पता ही होगा की ,राकेट इंजन के हजारो पार्ट होते है। एक इंजन को बनाने के लिए इन सभी कॉम्पोनेन्ट को एक साथ असेंबल करना पड़ता था। लेकिन अब इंजन को असेंबल करने की जरूरत नहीं है। पहले जहाँ एक इंजन बनाने में महीनो का समय लग जाया करता था अब वही पर महज कुछ दिनों में ही इंजन त्यार होंगे वो भी पहले से ज्यादा एक्यूरेसी के साथ। इस तरह की इंजन की खाश बात यह है की इसे कुछ ही दिन में बना कर राकेट में फिट किया जा सकता है।
अग्निबाण के लिए बनाया गया यह इंजन

यह इंजन अग्निबाण नामक राकेट में फिट किया जायेगा। इस राकेट की खास बात यह है की इसे लांच करने के लिए बहुत ज्यादे जगह या को स्थिर लांचपेड की जरूरत नहीं है। इसके लिए एक विशेष तरह का लांचपैड त्यार किया जा रहा है जो कहि भी आसानी आ जा सकता है।
ISRO का भी रहा बहुत योगदान
इसरो ने भी इस इंजन को बनाने में बहुत मद्द्त की है। इसके जितने भी टेस्ट हुए है वो ISRO ने ही किया है। यह इस बात का प्रमाण भी है की अब इसरो भी नए नए स्टार्टअप की आगे बढ़ने में बहुत मद्द्त कर रही है