भारतीय सेना एक light tank की तलाश में लंबे समय से है जिसे हाल ही में प्रोजेक्ट जोरावर के रूप में शुरू किया गया है जो उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में त्वरित तैनाती और आवाजाही की सुविधा के लिए घरेलू टैंकों की मांग को पूरा करेगा।
DRDO और L&T दोनों मिलकर एक light tank बनाने की तयारी में है। ऐसी खबरे सामने आ रही है की अगले साल तक इसका प्रोटोटाइप त्यार कर लिया जायेगा। इसमें L&T की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। ये इस light tank को बनाने और फंडिंग दोनों में भागीदार होगा।
सूत्रो के हवाले से कहा जा रहा है की , [DRDO और L&T] 2023 के अंत तक एक प्रोटोटाइप का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं।” इस परियोजना की देखरेख DRDO के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (CVRDE) द्वारा की जा रही है।
light tank बनाने की कोशिश में भारत
आपको बता दे की 3 मार्च, 2022 को मोदी सरकार द्वारा भारतीय सेना के लिए light tank के विकास की घोषणा की गई थी। यह कदम 2020 रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) की मेक इन इंडिया के तहत किया गया था।
पिछले कुछ वर्षो में भारतीय सेना ने चीन का मुकाबला करने और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए light tank ों को सेवा में लगाने की अनिवार्य आवश्यकता को महसूस किया है। 2020 की गर्मियों में चीन के साथ सीमा संघर्ष के बाद, भारत ने शुरू में रूसी light tank स्प्राउट एसडीएम 1 खरीदने पर भी विचार किया।
रक्षा मंत्रालय की ओर से मशीनीकृत बल महानिदेशालय द्वारा अप्रैल 2021 में 25-टन भार वर्ग में 350 light tank के लिए सूचना के लिए अनुरोध (RFI) जारी किया था। हालाँकि, देश ने अब उन्हें आयात करने के बजाय अपना स्वयं का light tank विकसित करने का निर्णय लिया है।
आखिर light tank की आवश्यकता क्यों
चीन के साथ घातक सीमा संघर्ष के बाद भारतीय सेना के light tank नहीं होने के कारण टी-72 और टी-90 जैसे बड़े टैंक तैनात करने पड़े।
रूसी मूल के T-90 और T-72 टैंकों का वजन लगभग 46 टन है। भारत के स्वदेशी मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके 1ए का वजन लगभग 68.5 टन है।इतना ज्यादा वजन के कारण इनको युद्ध के समय बहुत जल्दी से तैनात नहीं किया जा सकता है। और बहुत जयदे वजन के कारण ये आसान से पुल को भी क्रॉस नहीं कर सकते है। क्युकी वजन के करण ब्रिज को गिरन का खतरा बना रहता है।
दूसरी ओर, चीन के बारे में ऐसा माना जाता है कि उसके पास कई उच्च आधुनिक, अत्याधुनिक टैंक हैं जो उच्च शक्ति के साथ साथ भार में भी काफी काम है।
जोरावर को सेना में शामिल होने के बात हमारे पास भी चीनी light tank को काउंटर करने के लिए टैंक उपलब्ध होंगे।
इस प्रोजेक्ट का नाम जोरावर रखा गया है।
जोरावर प्रोजेक्ट के तहत त्यार हो रहे light tank की खुबिया कुछ ऐसी होगी
light tank में आर्टिफिशल िनीटेलीगेंस का भी सपोर्ट दिया जायेगा जिससे इनको ऑपरेट करने में आसानी हो।
इनको निगरानी और हमला के लिए सवार्म ड्रोन का भी टेक्नोलॉजी दिया जायेगा जो इसको और भी घातक बनाएगा।